केजरीवाल लगा पाएंगे हैट्रिक या होगा उलटफेर, पढ़ें- नई दिल्ली सीट की सबसे रोचक बात

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Delhi Assembly Election 2020 : पिछले 20 साल से भी अधिक समय से VIP सीट रही नई दिल्ली विधानसभा सीट के चुनाव परिणाम पर दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश के नजरें रहेंगीं, क्योंकि इस सीट से आम आदमी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal, Aam Aadmi Party) चुनाव मैदान में हैं।


2013 में केजरीवाल ने दी थी शीला दीक्षित को शिकस्त


दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 में AAP मुखिया अरविंद केजरीवाल ने जीवन का पहला चुनाव लड़ते हुए इस सीट पर 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को बड़े अंतर से हराया था। इसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में अरविंद केजरीवाल ने अपनी नजदीकी प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी नूपुर शर्मा को भी काफी बड़े अंतर से हराया था। इसके बाद यह सीट अरविंद केजरीवाल की सीट मानी जाने लगी है। इस सीट पर ज्यादातर सरकारी कर्मचारी रहते हैं।


केजरीवाल को चुनौती दे रहे सुनील और रोमेश


इस बार अरविंद केजरीवाल के सामने भाजपा से सुनील यादव तो कांग्रेस से रोमेश सभरवाल उम्मीदवार हैं। दोनों ही अपने धुआंधार प्रचार के जरिये केजरीवाल के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं। जहां एक ओर आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल की जीत के प्रति आश्वस्त है, तो वहीं भाजपा प्रत्याशी सुनील यादव और कांग्रेस के रोमेश सभरवाल का कहना है कि वे भी जीत के दावेदार हैं। 8 फरवरी को मतदान के बाद चुनाव परिणाम 11 फरवरी को आएगा, ऐसे में जीते-हारे कोई भी लेकिन नई दिल्ली सीट के नतीजों पर देशभर के निगाहें लगी होंगीं।


इस सीट से जीतना वाला बनता रहा है सीएम


नई दिल्ली विधानसभा सीट दो दशक से भी अधिक समय से वीवीआइपी सीट है। हो भी क्यों ना, इस सीट से जीतने वाले दो शख्स (शीला दीक्षित तीन बार, तो अरविंद केजरीवाल दो बार) मुख्यमंत्री बन चुके हैं। हालांकि, वर्ष 2008 में परिसीमन होने के बाद नई दिल्ली सीट अस्तित्व में आई थी, जबकि इससे पहले यानी 1966-33 तक यह इलाका दिल्ली मेट्रो पॉलिटन काउंसिल हुआ करती थी। उस दौरान नई दिल्ली विधानसभा सीट के इलाके गोल मार्केट और सरोजनीनगर में आते थे।


 


सिर्फ एक बार इस सीट पर जीती है भाजपा


गौरतलब है कि इस सीट पर कांग्रेस पार्टी हावी रही है, लेकिन 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने लगातार 3 बार दिल्ली की सीएम रहीं शीला दीक्षित को हरा दिया था। इससे पहले 1993 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कीर्ति आजाद ने इस सीट पर जीत हासिल की थी।


शीला दीक्षित ने इस सीट पर बनाया है 3 बार जीत का रिकॉर्ड


पहले गोल मार्केट और फिर नई दिल्ली विधानसभा सीट, यह 1998 से लगातार कांग्रेस का गढ़ रही है। शीला दीक्षित ने नई दिल्ली सीट से तीन चुनाव जीतकर 15 सालों तक राज किया है और वह डेढ़ दशक तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं। अपवाद रूप में केवल साल 1993 में भाजपा के उम्मीदवार और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने कांग्रेस के बृजमोहन शर्मा को हराया था, तब भाजपा ने दिल्ली की 70 में से 49 सीटें जीतकर मदन लाल खुराना के नेतृत्व में सरकार बनाई थी।