DELHI CRIME

पुलिस उठक - बैठक करवा रही है। मुर्गा बनवा रही है। खुद ही जज बनके फैसला सुना रही है । संविधान में तो पुलिस को सज़ा देने का हक़ ही कहाँ है ???? टीवी पे दिखा रहे है पुलिस वाले खुद ही मन मर्ज़ी से सजाये दे रहे है। ये डेमोक्रेसी है ? डेमोक्रेसी में ऐसा होता है ? कही तो देश में आक्रोश होना ही था।